ईद मुबारक 5 सितंबर इंसानियत और भाईचारे की पहचान

ईद हर मुसलमान भाइयों के लिए खास त्यौहार होता है, जो हर एक मुसलमान भाइयों के बीच प्यार और मोहब्बत का त्यौहार है आज 5 सितंबर 2025 को हम सब मिलकर ईद मनाएंगे, आज का दिन सिर्फ इबादत का नहीं बल्कि इंसानियत को एक करने का भी त्यौहार है आज हम सभी एक दूसरे को गले लगा कर भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं आज के दिन इस्लाम के सबसे आखरी पैगम्बर, हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है जिनके द्वारा हमें जीवन का संदेश मिला दिल में दर्द, अपने बड़ों से अदब, ईमान पाक, और भी संदेश।




ईद के रसम और रिवायत 


ईद के दिन हम अलग-अलग तरह से लोगों में खुशी बांटते हैं, सबसे पहले हम साफ सुथरा कपड़ा पहनते हैं फिर नमाज पढ़ते हैं नमाज पूरी होने के बाद हमें एक दूसरे को गले लगाते हैं और ईद मुबारक बोलते हैं, आज के दिन हम जितना साफ पाक रह सके उतना ही हमारे लिए बेहतर होता है।


खाने पीने का खास महत्व 


ईद का त्योहार मिठास और मोहब्बत का नाम है आज के दिन हर मुसलमान भाई के घर में सेवइयां बिरयानी कोरमा और लजीज मिठाइयां बनती है, हर मुसलमान भाई अपने अर्थव्यवस्था के अनुसार ईद के त्योहार पर खान-पान का प्रबंध करता है मेहमान रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग सभी मिलकर प्यार से खाते पीते हैं और एक दूसरे को ईद मुबारक भी बोलते हैं यह रिवायत लोगों को एक करने और मोहब्बत बढ़ाने का नाम है।


ईद में शायरी का महत्व


हम इस ईद के मौके पर अपने करीबी लोगों को शायरियां भेजते है लोग भी जो करीबी रिश्तेदार है वो हमे नई पुरानी मोहब्बत से भरी शायरी भेजते है, इससे हमारे बीच प्यार इबादत अदब काफी ज्यादा बढ़ जाती है नीचे आपके और आपके करीबी के लिए शायरी पेश है।


चांद की रोशनी दुआओं का पैगाम लाए फोलो की खुशबू मोहब्बत बरसाए आपकी जिंदगी में हमेशा खुशियां आए यही दुआ है हमारी ईद मुबारक हो आपको दिलदार।


ईद आई है बरकत लेकर, दिल से निकली है दुआएं लेकर हर खुशी मिले आपको इस जहां में, आपके घर आए सुकून और प्यार लेकर।


ना हो कोई ग़म का असर, ना हो दुखों का पहलू इधर सिर्फ खुशियां ही खुशियां हो जिंदगी में, अल्लाह करे आपको मिले इस ईद का सफर।


सामाजिक एकता का संदेश 


आज का दिन हमें यह सिखाता है की इबादत सिर्फ नमाज पढ़ना नहीं होता बल्कि इंसानियत सबसे बड़ी इबादत है, वह चाहे कोई भी धर्म हो हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं यह त्यौहार हमें बार-बार यही याद दिलाता है कि हमारी मोहब्बत एकता और भाईचारा सबसे बड़ी इबादत है यह सच है कि जब हम सब मिलजुल कर एक साथ मिल जुल कर रहते हैं तभी खुदा की तरफ से हमें बरकत मिलती है।



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