दोस्तों हर साल हम अपने हिसाब से गणपति जी को सम्मान पूर्वक लाते है और उनका अपने अपने समय के हिसाब से अपने पंडाल में स्थापित करते है। और उनका सुबह और शाम आरती पूजा पाठ करते है और अंतिम समय के हिसाब से पंडित के ज़रिए हवन पूर्वक उन्हें उनके स्थान से थोड़ा दूर किया जाता है और उसके अगले दिन उनका विसर्जन किया जाता है। हम इस आर्टिकल में यही जानेंगे, की गणपति जी का विसर्जन सही और सम्मान पूर्वक कैसे करे और किन किन चीजो के बारे में ध्यान रखना है।
विसर्जन करते समय ध्यान रखने वाली बात
बप्पा का विसर्जन करते वक्त सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका मुख अपने घर की ओर रखे। ताकि उनके आशीर्वाद से घर वंचित ना रहे, और पूरे मोहल्ले वालो को दर्शन का मौक़ा दे। ताकि कोई भी ख़ाली ना जाये गणपति जी को वाहन पर लेकर पूरे मोहल्ले में घूमे विसर्जन से पहले सबको उनके आशिर्वाद का मौक़ा मिल सके।
हवन के बाद सबको प्रसाद बाटे
अंतिम दिन हवन सम्पन्न होने के बाद जो प्रसाद हो उसे सब में बाटना ज़रूरी है। हो सके तो रिस्तेदारो को भी पहुँचाये इससे गणेश जी का प्रमुख छाया हम सब पर रहता है, प्रसाद में कोई भी ऐसी चीज ना हो जो सबके सेहत को नुक़सान पहुँचाये, और हवन होने के बाद पंडित को उनका दकछीडा ज़रूर दे ताकि पंडित ख़ुस होकर पंडाल से जाये इससे गणेश जी विशेष रूप से प्रसन्न होते है। नीचे और भी कुछ है
गणेश विसर्जन के लिए उपयोग जल
गड़पती जी का विसर्जन करते समय सुद्ध जल जा उपयोग करे हो सके तो घर से साफ़ बाल्टी में पानी लेकर ही विसर्जन के लिए निकले, पहले बाल्टी के पानी से नहलाये फिर उनका विसर्जन अपने हिसाब से करे। किसी भी प्रकार का उत्पाद ना मचाये सांति पूर्वक सभी कार्य संपन्न करे।
विसर्जन के समय कौन सी गलती नहीं करनी चाहिए
| क्रमांक | गलती | क्यों न करें? |
|---|---|---|
| 1 | POP मूर्ति का विसर्जन | इससे पानी में प्रदूषण बढ़ता है और जलीय जीवों को नुकसान होता है। |
| 2 | नदी/तालाब में कूड़ा डालना | प्लास्टिक, कपड़े और फूल पानी को गंदा करते हैं और बीमारियाँ फैलाते हैं। |
| 3 | तेज़ डीजे और पटाखे | शोर प्रदूषण से बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों को परेशानी होती है। |
| 4 | भीड़ में धक्का-मुक्की | इससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है और माहौल खराब होता है। |
| 5 | नशे में जुलूस निकालना | इससे झगड़े और सड़क दुर्घटनाएँ हो सकती हैं। |
| 6 | ट्रैफिक नियम तोड़ना | आपातकालीन वाहनों को रुकावट होती है और लोगों की जान खतरे में पड़ती है। |

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