Tata Capital Share: का ग्रे मार्केट ठंडा, क्या पहले दिन होगा झटका

टाटा कैपिटल का आईपीओ (Tata Capital IPO) इन दिनों शेयर बाजार में चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है। 13 अक्टूबर 2025 को यह शेयर बाजार में लिस्ट होगा। निवेशकों की निगाहें इस लिस्टिंग पर इसलिए भी टिकी हैं क्योंकि पिछले कुछ महीनों में कई बड़े आईपीओ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस बार टाटा कैपिटल का आईपीओ क्या संकेत दे रहा है, लिस्टिंग प्राइस क्या हो सकता है और निवेशकों को किस तरह की रणनीति अपनानी चाहिए।



टाटा कैपिटल आईपीओ को मिला अच्छा रिस्पॉन्स

टाटा कैपिटल के ₹15,512 करोड़ के आईपीओ को बाजार से मिला-जुला लेकिन सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है।कंपनी के पास कुल 33.34 करोड़ शेयर उपलब्ध थे और इसमें से 65.19 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई गई।कुल मिलाकर आईपीओ को 1.96 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जो एक स्थिर और भरोसेमंद प्रतिक्रिया मानी जाती है।

आईपीओ का प्राइस बैंड और कंपनी की वैल्यूएशन

एनबीएफसी टाटा कैपिटल ने ₹310 से ₹326 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है।कंपनी का वैल्युएशन लगभग ₹1.38 लाख करोड़ के आसपास अनुमानित है।यह वैल्युएशन टाटा ग्रुप के मजबूत ब्रांड, बेहतर लोन पोर्टफोलियो और फाइनेंशियल डिसिप्लिन को दर्शाता है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है

टाटा कैपिटल एक Non-Banking Financial Company (NBFC) है, जो मुख्य रूप से लोन, इंवेस्टमेंट और इंश्योरेंस जैसी सेवाएं देती है।

• कंज्यूमर लोन: पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन आदि।

• बिजनेस लोन: छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए फाइनेंस।

• इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस: बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग।

पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अच्छा निवेश किया है ताकि नए ग्राहकों तक आसानी से पहुंच बनाई जा सके।

लिस्टिंग से पहले बाजार की गिरावट

लिस्टिंग के ठीक पहले सोमवार को जीएफएमपी (Grey Market Price) में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में थोड़ी बेचैनी बढ़ी।कई रिटेल निवेशकों का मानना है कि बाजार की इस कमजोरी का असर लिस्टिंग प्राइस पर पड़ सकता है।हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की यह अस्थिरता अस्थायी है और टाटा ब्रांड के भरोसे को कमजोर नहीं करेगी।

क्या निवेशकों को नुकसान होगा

अगर शेयर 0% प्रीमियम पर लिस्ट होता है, तो शुरुआती निवेशकों को तुरंत लाभ नहीं मिलेगा।लेकिन यह जरूरी नहीं कि इसका मतलब नुकसान हो।विशेषज्ञ मानते हैं कि लॉन्ग टर्म में टाटा कैपिटल की मजबूत फंडामेंटल्स इसे धीरे-धीरे ऊपर ले जा सकती हैं।यह कंपनी अपने कर्ज नियंत्रण और मुनाफे को बढ़ाने में लगातार सुधार कर रही है।

भविष्य की योजना और ग्रोथ की उम्मीदें

टाटा कैपिटल आने वाले वर्षों में डिजिटल लोनिंग प्लेटफॉर्म और MSME फाइनेंस पर खास ध्यान देने वाली है।भारत में NBFC सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और फाइनेंशियल इनक्लूजन (वित्तीय समावेशन) सरकार की प्राथमिकता है।ऐसे में कंपनी के पास ग्रोथ के कई अवसर मौजूद हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करें।

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