यार आजकल हर जगह AI का नाम सुनने को मिल रहा है फोन हो या लैपटॉप हर जगह AI घुसा हुआ है फैक्ट्रियों में भी मशीनें इंसानों की जगह काम करने लगी हैं इससे काम तो आसान हो रहा है लेकिन लोगों का टेंशन भी बढ़ रहा है कई लोग कह रहे हैं कि 2030 आते आते लाखों करोड़ों नौकरियां AI खा जाएगा अब सोचने वाली बात ये है कि AI हमारे लिए वरदान है या फिर आफत।
नौकरी पर खतरा है
देख भाई नौकरी का हाल सबसे ज्यादा खराब होने वाला है बैंक हो कॉल सेंटर हो या गाड़ी चलाना हर जगह मशीनें घुस गई हैं कंपनियों को तो फायदा है क्योंकि मशीन थकती नहीं है लेकिन इंसान तो बेरोजगार हो जाएगा यही सबसे बड़ी टेंशन है और लोग सोच रहे हैं कि आगे का भविष्य कैसा होगा।
पढ़ाई और स्किल बदलनी होगी
सिर्फ डिग्री लेने से अब काम नहीं चलेगा भाई अब तो नई स्किल सीखनी पड़ेगी जैसे कंप्यूटर कोडिंग डेटा का हिसाब किताब और थोड़ी क्रिएटिव सोच अगर इंसान अपडेट नहीं हुआ तो मशीन आगे निकल जाएगी स्कूल कॉलेज और सरकार को भी पढ़ाई का तरीका बदलना पड़ेगा वरना बच्चे आगे परेशानी झेलेंगे जो लोग टाइम रहते सीख जाएंगे वही आराम से नौकरी पाएंगे वरना हाथ मलते रह जाएंगे।
AI खतरा भी है मौका भी
अब देखो कुछ लोग कहते हैं AI बस खतरा है लेकिन सच तो ये है कि इसमें मौके भी छिपे हैं AI बनाने वालों की जरूरत पड़ेगी रोबोट बनाने वालों की भी और डेटा संभालने वालों की भी मतलब नई नौकरियां भी आएंगी और इंसान बार बार वाले बोरिंग काम से भी बच जाएगा जब मशीन वो सब करेगी तो इंसान नए आइडिया पर काम कर सकेगा अब फायदा या नुकसान इस बात पर है कि हम AI को कैसे इस्तेमाल करते हैं।
अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा
AI का असर सिर्फ नौकरी तक नहीं रहेगा भाई ये तो पूरी अर्थव्यवस्था हिला सकता है एक तरफ तो प्रोडक्शन बढ़ेगा काम जल्दी होगा दूसरी तरफ अमीर और गरीब का फर्क और बढ़ सकता है बड़ी कंपनियां तो चांदी काटेंगी लेकिन आम लोग बेरोजगार होकर परेशान होंगे अगर समय रहते तैयारी नहीं हुई तो बड़ा संकट आ सकता है।
सरकार की जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए
सरकार को भी हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठना चाहिए नए कोर्स शुरू करने होंगे लोगों को ट्रेनिंग देनी होगी और AI के गलत इस्तेमाल पर लगाम लगानी होगी अगर सरकार समय पर सही कदम उठाएगी तो AI डर नहीं बल्कि फायदा साबित होगा।
इंसान की असली ताकत क्या है
AI चाहे कितना भी स्मार्ट हो जाए लेकिन इंसान जैसा दिल और दिमाग उसमें कभी नहीं आएगा मशीन बस ऑर्डर मानेगी लेकिन इंसानियत प्यार मदद और सोच इंसान में ही है इसलिए हमें मशीन से लड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि अपनी इंसानियत और क्रिएटिविटी को मजबूत करना है यही हमारी जीत है।
2030 की असली तस्वीर कैसी होगी
सच बोलूं तो 2030 तक AI बहुत सारी नौकरियां बदल देगा लेकिन नई नौकरियां भी बनाएगा जैसे पुराने जमाने में जब मशीनें आई थीं तब भी यही हुआ था फर्क बस इतना है कि अब बदलाव बहुत तेजी से होगा जो लोग नई चीजें सीख लेंगे वही आगे बढ़ेंगे और जो लोग आलस करेंगे वे पीछे रह जाएंगे AI को लेकर डर भी सही है और उम्मीद भी सही है।
निष्कर्ष
AI से कुछ नौकरियां जरूर खत्म होंगी लेकिन नई नौकरियां भी आएंगी फर्क इतना है कि हमें अपनी पढ़ाई और स्किल बदलनी होंगी जो लोग समय पर सीख लेंगे वही आगे बढ़ेंगे बाकी पीछे रह जाएंगे AI डर भी है और उम्मीद भी


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